प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि ( पीएम-किसान ) प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जिसे पीएम किसान नाम से भी जाना जाता है, केंद्रीय योजनाएं है, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की शुरुआत 24 फरवरी 2019 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में की थी इसकी पहली वर्षगांठ 24 फरवरी 2020 को मनाई गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना 1 दिसंबर 2018 से प्रभावी है।
उद्देश्य:
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का मुख्य उद्देश्य देशभर के सभी खेतिहर किसानों के परिवारों को आए सहायता प्रदान करके किसानों की आय बढ़ाना है।
- इस योजना के तहत प्रति वर्ष ₹6000 की राशि को ₹2000 की तीन मासिक किस्तों में प्रत्येक चौथे मां किसानों के बैंक खाते में सीधे हस्तांतरित किया जाता है।
- लाभार्थियों की पहचान का पूर्ण दायित्व राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों पर है।
लाभार्थी:
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के प्रारंभ में पूरे देश में 2 हेक्टर तक की कृषि योग्य भूमि रखने वाली सभी छोटे और सीमांत किसानों के परिवारों को आए सहायता प्रदान की गई बाद में 01जून 2019 से इसके दायरे को विस्तारित करती हुई देश के सभी खेतिहर किसान परिवारों को इसमें शामिल किया गया।
मूल्यांकन वर्ष में आयकर अदा करने वाले प्रभावशाली पेशेवर और किसानों जैसे चिकित्सकों, अभियंताओं,अधिवक्ता,सनदी लेखाकार और प्रति माह कम से कम ₹10,000 के पेंशन भोगियों को इस योजना से बाहर रखा गया है।
पूर्वोत्तर राज्यों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं जहां भूमि स्वामित्व के अधिकार समुदाय आधारित है वन निवासी और झारखंड जिनके पास भूमि के रिकॉर्ड और भूमि हस्तांतरण नहीं है इस योजना के तहत 20 फरवरी 2020 तक केवल 8.46 करोड़ किसानों को इसका लाभ मिल पाया है सर्वाधिक लाभार्थी उत्तर प्रदेश के हैं जबकि जबकि 84 59 187 लाभार्थी किसानों के साथ महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर है वहीं सिक्किम में सबसे कम यानी 1372 किसान परिवार ही इसके लाभार्थी हैं।
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