ब्लैक कार्बन क्या है?
वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी (WING) के वैज्ञानिक द्वारा हाल ही में रिपोर्ट तैयार किए गए एक शोध के अनुसार गर्मी के मौसम में गंगोत्री हिमनद में समान से 400 गुना अधिक ब्लैक कार्बन की सांद्रता बढ़ गई हैं इसका मुख्य कारण कृषि अवशेष का जलाया जाना और जंगल में लगने वाली आग इत्यादि शामिल है इसके कारण हिमनद के पिघलने की दर में वृद्धि पाई गई है ब्लैक कार्बन की सर्वाधिक सांद्रता मई के महीने में एवं सबसे कम सांद्रता अगस्त के महीने में देखी गई है इसकी सांद्रता शीतकाल में 0.01ug/m3 होती है और ग्रीष्मकाल में 4.62 ug/m3 होता है।
ब्लैक कार्बन क्या है?
ब्लैक कार्बन जैव इंधन लकड़ी, कोयला या इंधन की अपूर्ण दहन के फलस्वरूप बनता है इसके अतिरिक्त ऑटोमोबाइल तथा कोयला आधारित ऊर्जा संयंत्रों सें निकने वाला एक पार्टिकुलेट मैटर भी इसके निर्माण का कारण होता है साथ ही कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, वॉल टाइल ऑर्गेनिक कंपोनेंट आदि के कारण भी ब्लैक कार्बन का निर्माण होता है ब्लैक कार्बन काफी शक्तिशाली अवयव है जो की जलवायु को गर्म करने वाला कारक बनता है यह कार्बन डाइऑक्साइड की अपेक्षा 460 से 1500 गुना अधिक शक्तिशाली हरित गृह प्रभाव उत्पन्न करता है ब्लैक कार्बन वातावरण में लंबे समय तक रहता है इसकी अवस्था बात करें तो 4 से 1 दो दिन वातावरण में रहता है तथा घर में खाना बनाने एवं घर को गर्म रखने के उद्देश्य से लगाए जाने वाले इंधन के कारण 58% ब्लैक कार्बन का उत्सर्जन होता है
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