भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के प्रमुख व्यक्तित्व
बल्लभ भाई पटेल
बल्लभ भाई पटेल मूल रूप से गुजरात के रहने वाले बल्लभ भाई पटेल जिन्हें भारत का लौह पुरुष के नाम से जाना जाता है गांधी के अनुयाई होकर कांग्रेश तथा राष्ट्रीय आंदोलन में आए गुजरात विद्यापीठ को स्थापना करने वाले व्यक्तियों में शामिल थे बारदोली में किसान आंदोलन का नेतृत्व किया गांधी ने उन्हें "सरदार"की उपाधि दी 1930 में कराची अधिवेशन में कांग्रेस की अध्यक्षता की क्रिप्स मिशन, शिमला सम्मेलन, कैबिनेट मिशन का हिस्सा रहे 562 रियासतों के विलय में लौह नीति अपनाई इन्हें भारत का "बिस्मार्क" कहा जा गया।
लाल हरदयाल
लाल हरदयाल अमेरिका में इन्होंने गदर पार्टी की स्थापना की जर्मनी में इन्होंने इंडियन इंडिपेंडेंस कमेटी की स्थापना की सरकार का समर्थन प्राप्त करने में सफल रहे 4 मार्च 1939 को अमेरिका के फिलाडेल्फिया मैं उनका रहसात्मक निधन हो गया बाद के वर्षों में भारत के पक्ष में समर्थन जुटाने का प्रयत्न करते रहे।
राजेंद्र प्रसाद
राजेंद्र प्रसाद यह भारत के प्रमुख स्वाधीनता सेनानी थे 1917 के चंपारण आंदोलन में वे गांधीजी के अनुयाई बन गए 1934 की कांग्रेस के मुंबई अधिवेशन के अध्यक्ष बने 1946 में अंतरिम सरकार में भी खाद्य एवं कृषि मंत्री थे भारतीय गणतंत्र के प्रथम राष्ट्रपति बने 1962 में उन्हें भारत रत्न के सम्मान से घोषित किया गया इन्होंने "देश"नामक साप्ताहिक समाचार पत्र निकाला।
फिरोजशाह मेहता
फिरोजशाह मेहता मुंबई के एक पारसी मध्यवर्गीय परिवार में जन्म लेने वाले फिरोजशाह वकालत करने के बाद राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय हुए बंबई प्रेसीडेंसी एसोसिएशन व भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संस्थापकों में से एक थे इन्होंने 1913 को "मुंबई क्रॉनिकल" नामक पत्र भी निकाले थे
अरविंद घोष
अरविंद घोष भारतीय सिविल सेवा में नियुक्ति के बाद यह 1892 में इंग्लैंड से लौटकर अरविंद बाद में क्रांतिकारी गतिविधियों में लग गए नेशनल कालेज के प्रिंसिपल बनें और युगांतर नामक पत्र निकाले थे कर्म योगी एवं धर्म नामक साप्ताहिक पत्र भी निकाले अलीपुर षड्यंत्र केस से जुड़े थे बाद में सक्रिय राजनीति से संयास ले लिया और पांडिचेरी में योगी जीवन अरबिंदो आश्रम में व्यतीत किए थे.
मोतीलाल नेहरू
मोतीलाल नेहरू यह एक प्रसिद्ध वकील थे इनकी पत्नी स्वरूप रानी थी जो बाद में कांग्रेसी और होम रूल लीग से जुड़े जालियांवाला बाग कांड की जांच हेतु नियुक्ति कांग्रेश आयोग के अध्यक्ष थे 1919 में कांग्रेस के अमृतसर अधिवेशन हुआ 1928 के कोलकाता अधिवेशन के अध्यक्ष थे इन्होंने इंडिपेंडेंट नामक पत्र भी निकाला इन्होंने स्वराज पार्टी की स्थापना की इन्होंने 1928 में नेहरू रिपोर्ट तैयार किए थे इनकी महत्वपूर्ण पुस्तक द स्ट्रगल फॉर स्वराज 1930 में इन्होंने आनंद भवन इलाहाबाद दीया
राम मनोहर लोहिया
राम मनोहर लोहिया एक समाजवादी नेता के रूप में अपनी पहचान बनाने के बाद उन्होंने 1934 में कांग्रेस समाजवादी दल की स्थापना में सक्रिय भूमिका निभाई इन्होंने कांग्रेस सोशलिस्ट नामक पत्र निकाले थे स्वतंत्रता के उपरांत भारतीय सोशलिस्ट पार्टी के स्थापना हुई इन्होंने नेपाल व गोवा में भी आंदोलन चलाया हिंदी भाषा के लिए भी उन्होंने संघर्ष किया
तेज बहादुर सप्रू
तेज बहादुर सप्रू एक प्रतिष्ठित वकील जिसने एनी बेसेंट को सेंट्रल हिंदू कॉलेज और मदन मोहन मालवीय को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय बनाने में सहायता प्रदान किए थे इन्होंने इन होम रूल लीग में भी भाग लिया 1928 में नेहरू रिपोर्ट तैयार करने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी इन्होंने गोलमेज सभाओं में भी भाग लिया
रविंद्र नाथ टैगोर
रविंद्र नाथ टैगोर विश्व मानवता के अग्रदूत महान कवि प्रसिद्ध संगीत ताज विख्यात साहित्यकार चित्रकार तथा आधुनिक समाज के निर्माता रविंद्र नाथ टैगोर अपने पिता देवेंद्र नाथ टैगोर के सातवें पुत्र थे सर्वमुखी प्रतिभा से युक्त राष्ट्रवाद तथा अंतरराष्ट्रीय ता के प्रबल समर्थन व मानवता प्रेमी व्यक्ति थे 1913 में गीतांजलि के लिए नोबेल साहित्य पुरस्कार प्राप्त हुआ था 1913 में ही ब्रिटिश सरकार द्वारा सर की उपाधि से नवाजा गया 1901 में कोलकाता में उन्होंने विश्व भारती विश्वविद्यालय स्थापित किया
खुदीराम बोस
खुदीराम बोस खुदीराम युगांतर से संबंधित थे उन्होंने प्रफुल्ल चाकी के साथ किंग्सफोर्ड को मारने की योजना बनाई उन्होंने 1908 में किंग्स फोर्ड की गाड़ी पर बम फेंका जिसमें में पकड़े गए और उन्हें फांसी हुई
जयप्रकाश नारायण
जयप्रकाश नारायण बिहार प्रांत के निवासी जयप्रकाश जी अपनी शिक्षा पटना तथा अमेरिका में पूरी की एक कार्ल मार्क्स की विकास धाबी का सुधार से बहुत प्रभावित थे 1929 में कांग्रेस के सदस्य बन गए 1932 में नागपुर अवज्ञा आंदोलन के समय रेस्ट हुए 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में गिरफ्तार हुए इन्हें रोकने की उपाधि दे दिया गया 8 अक्टूबर 1979 को इनका निधन हो गया
देवेंद्र नाथ टैगोर
देवेंद्र नाथ टैगोर प्रिंस की उपाधि से सम्मानित ब्रह्मा समाज के प्रमुख सदस्य तत्वबोधिनी सभा के प्रवर्तक तथा तत्वबोधिनी पत्रिका के संपादक 1843 देवेंद्र नाथ टैगोर अपनी शालीनता दान शीलता विद्वता कुछ चरित्र के लिए जाने जाते हैं रविंद्र नाथ रविंद्र नाथ इनके पुत्र थे स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
मदन मोहन मालवीय
मदन मोहन मालवीय इनका जन्म 25 दिसंबर1861 इलाहाबाद प्रयागराज में हुई 1909 में अंग्रेजी दैनिक लीडर का संवाद तक किए यह हिंदू महासभा के संस्थापक सदस्य थे 1916 की कोलकाता कांग्रेस अधिवेशन में महात्मा गांधी ने मालवीय जी को महान "महामना-ए- मैन ऑफ द लार्ज हार्ट" की उपाधि दिया था 1916 को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की 24 दिसंबर 2014 को मदन मोहन मालवीय व अटल बिहारी वाजपेई को भारत रत्न देने की घोषणा हुई दोनों महापुरुष का जन्मदिन 25 दिसंबर को पड़ता है
जगजीवन राम
जगजीवन राम स्वतंत्र सेनानी एवं बिहार के कांग्रेसी नेता थे 1977 -79 के बीच भारत के उप प्रधानमंत्री संविधान सभा के सदस्य 1952 उसे मृत्यु प्रयत्न सांसद थे स्वतंत्र भारत के प्रथम मंत्रिमंडल में श्रम मंत्री थे 1952 से 1977 के बीच अनेक मंत्रालयों की जिम्मेदारी विधान और कुशल प्रशासक थे
चंद्रशेखर आजाद
चंद्रशेखर आजाद चंद्र शेखर आजाद का जन्म भावरा ग्राम मध्य प्रदेश में हुआ था इनके पूर्वज यूपी के उन्नाव जिले के थे उनके पिता का नाम सीताराम तिवारी तथा माता जगरानी देवी था चंद्रशेखर आजाद हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के साथ सक्रिय से जुड़े रहे 1931 को इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में अकेले पुलिस मुठभेड़ में अंतिम गोली स्वयं को मारकर शहीद हो गए
विनायक दामोदर सावरकर
विनायक दामोदर सावरकर महान क्रांतिकारी थे 1899 को इन्होंने मित्र मेला की स्थापना की थी जिसका 1904 में नाम बदलकर अभिनव भारत सोसायटी किया गया 1906 इंग्लैंड में श्यामजी कृष्ण वर्मा के नेतृत्व में फ्री इंडिया सोसायटी में सक्रिय हुए 1910 में इन्हें गिरफ्तार किया गया और 50 वर्ष का कारागार दिया गया 1857 का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम नामक पुस्तक लिखी यह पुस्तक भारत की प्रथम सरकारी पुस्तक थी
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी पेशे से वकील राजगोपालाचारी का नाम राष्ट्रवाद में भाग लेने के बाद उन्होंने प्रत्येक राष्ट्रीय आंदोलन का नेतृत्व किया 1930 में नमक कानून तोड़ने हेतु उन्होंने वेदारंगम मार्च किया विभाजन हेतु उन्होंने 1944 में सी आर प्लान तैयार किया अंतिम सरकार में वह मंत्री बने माउंटबेटन के बाद प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल बने इन्होंने 1959 में स्वतंत्र पार्टी का गठन किया
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